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जिला विज्ञान केंद्र, पुरुलिया में आपका स्वागत है

जिला विज्ञान केंद्र, पुरुलिया राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद्, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करने वाला पहला जिला विज्ञान केंद्र है जिसने अपनी यात्रा 15 दिसंबर, 1982 में शुरु की थी। स्थापना के बाद से यह विज्ञान केंद्र, समाज के सभी स्तरों पर विज्ञान के प्रसार एवं प्रचार के लिए कार्यरत है ताकि वैज्ञानिक प्रगति के लाभ सही अर्थो में समाज के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सभी लोगों तक पहुँच सके। समावेशी विज्ञान संचार के अपने निरंतर प्रयासों के साथ, इसने जंगलमहल के पिछडे क्षेत्रों और साथ ही पड़ोसी राज्य झारखंड से 2 लाख से अधिक आगंतुको के साथ समाज में एक नई पहचान बनाई हैं।

जिला विज्ञान केंद्र, पुरुलिया (डीएससी, पुरुलिया), पुरुलिया शहर के एक कोने में प्रसिद्ध निबरन सायरे (साहेब बांध)- एक राष्ट्रीय तालाब पर स्थित है। प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा केंद्र के मुख्य आकर्षण है – डायनासोर उद्यान, 3विमीय थियेटर, विज्ञान प्रदर्शनी (सुपर कोल्ड शो – अति निम्न ताप पर पदार्थो के गुण), अद्भुत रसायन विज्ञान, अप्रत्याशित विज्ञान, तारामंडल प्रदर्शनी एवं दूरबीन के द्वारा आकाश दर्शन कार्यक्रमों का आयोजन।

केंद्र में कुछ महत्वपूर्ण दीर्घाएँ है वह अपनी स्वदेशी सांस्कृतिक विरासत सहित जंगलमहल के अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों को दर्शाती है। दीर्घा को मुख्य विषय, जंगलमहल के लोगो की जैव विविधता, बोलियाँ, रीति-रिवाज, परंपराएँ और संस्कृति को प्रदर्शित करता है। लोकप्रिय विज्ञान दीर्घा में कोई भी विभिन्न वैज्ञानिक विषयों के सिध्दांतो को बड़े मजेदार तरीके से सीख सकता है।

जीव विज्ञान दीर्घा में प्रदर्शनी को देख के, उन्हें समझ के, जीवन की विभिन्न गतिविधियों को समझा जा सकता है। बाल-कोना, बच्चों के बीच, बहुत ही प्रसिद्ध है जिससे वे बहुत आकर्षित होते हैं एवं वे विभिन्न यंत्रो के माध्यम से बुनियादी विज्ञान सीख सकते हैं। इन सभी यात्रा के दौरान, दर्शक वस्तुओं को छु सकते है और अपने जिज्ञासु मन को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

 

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खुलने का समय

प्रतिदिन प्रातः 10:30 से शाम 7:00 बजे तक (होली और दिवाली को छोड़कर) टिकट काउंटर शाम 6:30 बजे बंद होता है।